प्रत्येक वर्ष हम 26 जनवरी के दिन गणतंत्र दिवस सेलिब्रेट करते है. इस पावन मौके एवं सुनहरें दिन का महत्व नये पीढ़ी को पता चले. इसलिये हर स्कूल एवं पाठशाला में गणतंत्र दिवस के अवसर पर भाषण समारंभ रखा जाता है. इसिलिए यहापर 26 January speech in Hindi दिया है. ताकि students और teachers को help मिले.

गणतंत्र दिवस हमारे देश के लिये बहुत ही गौरवशाली दिन है; और यह दिन हम बडे ही धूमधाम से मनाते है. इसिलिये यहापर 26 January speech in Hindi बताया गया है. ताकि अगर आप इस गणतंत्र दिवस के अवसर पर भाषण समारंभ में हिस्सा लेते है. तो आप इस लेख को पढ़ने के बाद एक अच्छा वकृत्व दे सकते है.
भारत देश में प्राचीन काल से परकीय सल्तने और देशों ने आक्रमण किया है. परंतु अँग्रेज़ सरकार ने हमारे देश पर 150 वर्षो से भी ज्यादा राज्य किया. और पूरी तरह से हमारा शोषण किया. जिस कारण भारतवासी को अत्यंत अत्याचार और ज़ुल्म भी सहने पडे. परंतु महात्मा गांधी, राजगुरु, चंद्रशेखर आज़ाद, भगत सिंह, जवाहरलाल नेहरु, सुभाष चंद्र बोस, जैसे हजारों स्वतंत्र सेनानियों ने अपने प्राणों का बलिदान दिया और हमारे देश को आज़ाद किया.
आज़ादी के बाद सभी भारतीय नागरिकों को संपूर्ण अधिकार देने के लिये सविंधान निर्माण किया गया. जिसे 26 January 1950 से लागू किया. तभी से हम प्रत्येक वर्ष इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते है. उस अवसर पर नीचे 26 January पर भाषण दिया गया है.
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26 January Speech In Hindi – 26 जनवरी पर भाषण हिंदी में
आजके कार्यक्रम के सन्मानीय अध्यक्ष महोदय, मंच पर विराजित सभी अध्यापक एवं अध्यापिका, और आजके इस मंगलमय और गौरवशाली दिन के लिए उपस्थित सभी छात्रों एवं छात्रायें को मेरा सादर प्रणाम!
आज हम किस कारण यहाँ इक्कठे हुये है. ये सब तो आप जानते ही होंगे. फिर भी में बताना चाहूँगा. की हम सब आज यहा 69 वा गणतंत्र दिवस मनाने हेतु एकत्रित हुये. सबसे पहले मेरे तरफ से आपको गणतंत्र दिवस की हार्दिक बधाईयाँ.
अनेकता में एकता इसमें ही इस देश की शान है.(2)
इसीलिये तो मेरा भारत महान है.
हमारे देश में अनेक जाती, धर्म, पंत, प्रांत और अनेक भाषाएँ बोलने वाले लोग है. परंतु जब बात हमारे वतन की आती हे, तो हम सब एक है. माना की हर धर्म के लोगो का अपना अलग-अलग त्यौहार है. परंतु हमारे देश के दो ही राष्ट्रीय त्यौहार है. एक स्वतंत्रता दिवस और दूसरा गणतंत्र दिवस.
गणतंत्र दिवस यह दिन हमारे लिए इसलिये सुनेहरा और गौरवशाली है. क्योंकि, इस दिन हमारे देश के संविधान को लागू किया गया था. कानून के रूप में बने मौलिक नियमों एवं सिधांतो को ही संविधान कहा जाता है. और किसी भी देश के कार्यभार को एवं लोगो को कायदे में बांधना बहुत ज़रूरी होता है. तभी कोई भी राष्ट्र के लोग मिल-जुलकर और स्वतंत्रता से रह सकते है.
मित्रों जब हमारा भारत आज़ाद हुआ. तब बाकी देशों का मानना था. की “जिस देश में मध्य-युग से राज तंत्र था, जो आधुनिक काल में 150 वर्षो तक अग्रेजो के ज़ुल्म से शोषित रहा.” ऐसा देश क्या लोकतंत्र चलाएगा? गणतंत्र अथवा लोकतंत्र का अर्थ होता है. “जनता के द्वारा जनता के लिये शासन.” मतलब जनता अपने मालिक है. वो उसके मन मुताबिक किसी भी नेता अथवा पक्ष को वोट दे सकते है. और किसी को भी अपना नेता चुनने का जनता को अधिकार है. ऐसे नियम और अधिकार जिस पुस्तक के आधार पर चलते है. उस पुस्तक को ही संविधान कहते है.
भारत 15 अगस्त 1974 को आज़ाद हुआ. परंतु इस आज़ादी से हम सिर्फ परकीय देशों के ज़ुल्म से मुक्त हुये थे. परंतु अभी भी हमें अधिकार और हक़ की स्वतंत्रता नहीं थी. इसीलिए भारत के लोगो को संपूर्ण प्रभुत्व संपन्न, समाजिक एवं आर्थिक रूप से गणराज्य बनाने के लिए संविधान का निर्माण किया गया.
आज़ादी के बाद संविधान निर्माण हेतु, मसुदा समिति तैयार की. इस मसूदा समिति के अध्यक्ष पद पर डॉ. भीमराव आम्बेडकर को चुना गया. इस महान कार्य को अंजाम देने के लिये कुल 389 सदस्यों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. जिसमे डॉ. आम्बेडकर के साथ जवाहरलाल नेहरु, सरदार वल्लभभाई पटेल, डॉ. राजेंद्र प्रसाद ऐसे अन्य प्रमुख सदस्य भी शामिल थे. अंततः लगभग 2 वर्ष 11 महीने और 18 दिनों के बाद 26 जनवरी 1950 को भारत ने अपना संविधान लागू किया. इसी दिन को भारत को एक लोकतांत्रिक गणराज्य के रूप घोषित किया गया.
मित्रों आपको बता दे, की भारत के पास विश्व का सबसे बड़ा संविधान है. साथ ही हमारा वतन विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है. लेकिन हमें इसकी ताकत को हमें समझना पड़ेगा. एक भारतीय नागरिक को हर एक अधिकार संविधान ने दिये है. जो उसे चाहिये. हमें इसका आदर और सम्मान करना चाहिये.
जाते जाते अगर में फिर से में गणतंत्र दिवस के बारे में एक वाक्य में बांध दु तो 15 अगस्त को अग्रेजो ने सिर्फ हमारे देश को मुक्त किया. परंतु 26 जनवरी 1950 को हमें सभी दुष्टिकोण से सपूर्ण स्वतंत्र मिला. इतना कहकर में मेरे शब्द पर विराम लगता हूँ.
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Conclusion – तो चलिए मित्रो आजके लेख के माध्यम से हमने 26 January speech in Hindi देखा. में उम्मिद करता हूँ. आजके लेख में दिया गया गणतंत्र दिवस पर भाषण आपको काफी अच्छा लगा हो. आप चाहे तो इसे अपने मित्रो के साथ Facebook और twitter share कर भी कर सकते है.
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such an wonderful article. very helpful post. thanks for sharing with us.
Rushikesh Sonawane Ji aap bohot hi ache post banate hai. Ye speech may apne school ke karykram me jarur implement karunga.
dhanywad
Nice post and speech